नई दिल्ली। दुनिया में लोगों की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके कारण प्राकृतिक संसाधन भी प्रभावित होते हैं। ऐसे में सभी देश अपनी जनसंख्या कम करने के लिए तरह-तरह के प्रयास करते रहते हैं। हालांकि, जापान में एक ऐसा गांव मौजूद है, जो सालों से कम आबादी की परेशानी से जूझ रहा है।
इसके कारण लोग अकेलापन महसूस करते हैं, जिससे बचने के लिए गांव में मानवों जैसी कद- काठी वाली कई गुड्या बनाई जाती हैं। इस गांव का नाम है द हैमलेट ऑफ इचिनोनो। यहां पर केवल 60 लोग रहते हैं, जिनमें से एक बच्चा है और बाकी वयस्क या बुजुर्ग हैं। ये लोग अकेलेपन की भावना से परेशान रहते हैं और गांव को भरा-
पूरा दिखाने के लिए लोगों जैसी दिखने वाली गुड़या बनाते हैं। इन गुड़या को रुई भरकर बनाया जाता है और उन्हें इंसानों जैसे कपडे पहनाए जाते हैं। सभी गुड़या ऐसे रखी जाती हैं, जैसे वे कोई काम कर रही हो।
गुड़िया से भरा हुआ है एक और गांव
इचिलोलो गुरुया से भरा इकलौता सांव नहीं है। जापान के नजारों गंव में भी हजारों गुड़ाय मोजूद है। इस सांप को
बुड्या का माघ और बिजूका यान्ति स्फेयरको मांग गी कहते हैं। यहां महज 12 लोना रहते हैं, जो बुजुर्म हैं। यहां ती 24 वर्षीय रसुतिनी अयानों ने सांव की घटती आक्ची से दुखी लेकर इसे मुड़वि से कर दिया है। यह सांद के हर कोने कोने में मुहण रखती है, ताकि निचारियों को लोगों के बीच रहने की अनुभूति हो।
बच्चे चले गए बाहर, पेरेंट्स रह गए अकेले यह गांव क्योटो नामक शहर से महज एक घंटे की दूरी पर स्थित है। यहां के समी परिवारों में अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए क्योटो भेज दिया था, ताकि वे अपना भविष्य चन सकें और शादी कर सकें। हालांकि इस नेक कदम के चलते सभी में बात अकेले रह जाए। अथ उनके बच्चे बड़े शहरों में नैकरी करते है और साठ लेटकर आना पसंद नहीं करते हैं। वत के लोग अपने बच्चों को हर दिन याद करते हैं।
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